Transmission Mode
Transmission Mode, Data को एक System से दूसरे System में Transmit करने के लिए use की जाने वाली Methods को Refers करता है। विभिन्न System के बीच Efficient Communication और Data Exchange के लिए ये Transmission Mode महत्वपूर्ण होते हैं।Transmission Modes तीन प्रकार के होते हैं| प्रत्येक Modes के अपने Advantages और Disadvantages होते हैं, और Modes आमतौर पर System की Requirement के आधार पर Different Scenarios में Use किए जाते हैं।
प्रत्येक Mode की अपनी Unique Characteristics होती हैं, और विभिन्न Communication Scenarios के लिए उपयुक्त होती हैं। एक System जिसके लिए High-Speed Bidirectional Communication की आवश्यकता होती है, वह Full-Duplex Mode का उपयोग करती है, जबकि एक System जिसे केवल One-Way Communication की आवश्यकता होती है, वह Simplex Mode का उपयोग करती है।
Transmission Mode का Selection, System की Reliability और Security को प्रभावित कर सकता है, साथ ही System को Implement करने के लिए Required Equipment की Cost और Complexity को भी प्रभावित कर सकता है।
Type of Transmission Mode
Simplex Mode
Simplex Transmission Mode वह Communication Medium होता है, जिसमे Sender और Receiver के बीच One Direction Communication होता है| अर्थात इसमें केवल Sender Data Send कर सकता है, और Receiver उस Data को Receive कर सकता है| इसमें Receive, Sender को Reply नहीं कर सकता है|
Example – Computer से Connected Keyboard के द्वारा Data केवल Computer में Enter कर सकते है| इसी तरह Printer, Scanner इत्यादि Device में Data केवल Computer से Printer, Scanner को Send कर सकते है| Radio, Television में भी Data एक ही Direction में Transfer कर सकते है|
Advantages of Simplex Mode
- Simplicity: क्योंकि Data केवल एक Direction में Flow होता है, Communication System सरल होती है| और इसमें कम Hardware की आवश्यकता होती है, जिससे यह अधिक Cost-Effective हो जाती है।
- Efficient Transmission: Feedback की कोई आवश्यकता नहीं होता है, Data को अधिक Fast और Effeciantly Transmit किया जा सकता है।
- Robustness: Simplex Mode, Error और Failure के Against अधिक Robust होते है, क्योंकि Data के Receipt की Confirmation करने के लिए Return Channel की कोई आवश्यकता नहीं है।
- High Bandwidth Utilization: Complete Bandwidth, Transmission के लिए उपलब्ध है, जिससे High Speed Data Transfer की Permission मिलती है।
Disadvantages of Simplex Mode
- No Error Detection: Error का पता लगाने या Recieve Data का Accuracy की Confirmation करने के लिए कोई Mechanism नहीं है, जिससे Potential Data Loss या Crruption हो सकता है।
- No Feedback: Return Channel की कमी का मतलब है, कि Reciver के पास Sender को Feedback Provide करने का कोई तरीका नहीं है, जिससे Communication Flow को Manage करना और Issues को Solve करना मुश्किल हो जाता है।
- Limited Functionality: Simplex Mode केवल Unidirectional Communication का Support करता है, जिससे यह Bidirectional Communication की आवश्यकता वाले Application के लिए Unsuitable हो जाता है।
- Unreliable Communication: यह सुनिश्चित करने का कोई तरीका नहीं है, कि Data Recieve हो गया है| या Loss हुए Data को फिर से Transmit करने के लिए Communication को Unreliable बना दिया गया है।
Half-Duplex Transmission Mode
Half-Duplex Transmission Mode में Sender और Receiver के बीच का Communication Two Directional होता है, लेकिन इसमें एक समय में एक ही User Information Send कर सकता है| अर्थात जब Sender से Signal आएंगे तो Receiver उन्हें केवल Receive कर सकता है, लेकिन उस समय Reciever खुद कोई Signal नहीं send कर सकता और जब Receiver उसका Reply करेगा तो Sender केवल Signal Receive कर सकता है, उसका Reply नहीं कर सकता है|
Example – Walkie-Talkie एक ऐसा Device है, जिसके Medium से एक Time में केवल एक ही Direction में Communication होता है|
Advantages of Half-Duplex Transmission Mode
- Error Detection: Half-Duplex Mode, Error Detection और Correction का Permission देता है, जिससे Accurate Data Transfer सुनिश्चित होता है।
- Feedback: Feedback के लिए एक Return Channel Available है, जो बेहतर Communication Flow Management और Issues के समाधान की Permisssion देता है।
- Bidirectional Communication: Half-Duplex Mode Bidirectional Communication को Support करता है, जिससे यह Two Way Communication की आवश्यकता वाले Application के लिए Suitable हो जाता है।
- Improved Reliability: Return Channel Communication की Reliability में Improvement, तथा Error Detection और Correction की Permission देता है।
- Cost-Effective: Half-Duplex Mode, Working Capacity और Cost के बीच एक अच्छा संतुलन प्रदान करता है, जिससे यह कई Application के लिए Cost-Effective Solution बन जाता है।
Disadvantages of half-duplex transmission mode
- Limited bandwidth: Available Bandwidth को Maximum Data Transfer Rate को कम करने, Transmission और Receipt के बीच Share किया जाता है।
- Interference: जब Sender और Reciever दोनों एक ही समय में Transmit कर रहे हों, तो Interference हो सकता है| जिससे Error या Data का Loss हो सकती है।
- Complexity: Half-Duplex Mode में Return Channel सहित अधिक Complex Communication System की आवश्यकता होती है, जो इसे Simplex Mode से अधिक Expensive बनाता है।
- Slower Transmission: चूंकि Bandwidth Transmission और Receipt के बीच Share किया जाता है, जिसकी वजह से Data Transfer, Simplex Mode की तुलना में Slow होता है।
- Delayed communication: Communcation में Delay हो सकती है, क्योंकि Return Channel का उपयोग Data का Receipt की Confirmation के लिए किया जाता है| जिसके परिणामस्वरूप Slow Response Time हो सकता है।
Full-Duplex Transmission Mode
Full Duplex Transmission Mode में Sender और Receiver दोनों के बीच एक साथ Communication किया जाना Possible है| इसमें Sender और Receiver दोनों एक साथ एक ही समय पर एक ही Channel पर Signal Send करते हैं| Full Duplex Transmission Mode एक Two Way Road की तरह होती है, जिसमें Traffic एक ही समय में दोनों Direction में Flow हो सकता है। Channel की Capacity के अनुसार Opposite Direction में Travel कर रहे Communication Signal दोनों (Seneder और Reciever) के द्वारा Share किये जा सकते है।
Example – Telephone, Mobile एक ऐसा Device है, जिसके माध्यम से एक साथ एक ही Time में दोनों Direction में Communication होता है|
Advantages of Full-Duplex Transmission Mode
- High Bandwidth Utilization: Full-Duplex Mode दोनों Directions में एक साथ Transmission करने की Permission देता है, जिसके परिणामस्वरूप Available Bandwidth का Maximum Utilization होता है।
- High-Speed Data Transfer: चूंकि Transmission और Receipt दोनों एक साथ हो रहे हैं, इसलिए Data को High Speed पर Transfer किया जा सकता है।
- Real-time Communication: Full-Duplex Mode, Real-Time Communication करने की Permission देता है| यह Quick और Efficient Communication Flow Provide करता है।
- Bidirectional Communication: Full-Duplex Mode, Bidirectional Communication को Support करता है, जिससे यह Two Way Communication की आवश्यकता वाले Application के लिए Require हो जाता है।
- Improved Reliability: Transmission और Receipt के लिए अलग-अलग Channel के साथ, Interference या Data Loss की संभावना कम होती है, जिससे Communication की Reliability में सुधार होता है।
- Error Detection and Correction: Full-Duplex Mode, Error Detection और Correction करने की Permission देता है| तथा Accurate Data Transfer सुनिश्चित करता है।
Disadvantages of Full-Duplex Transmission Mode
- Complexity: Full-Duplex Mode, Communication में Half-Duplex Transmission की तुलना में अधिक Complex Hardware और Software की आवश्यकता होती है।
- Collision: Full-Duplex System में, Sender और Receiver एक ही समय में Data Transmit और Recieve कर सकते हैं, जिससे उचित Protocol का पालन न करने पर Data Collision की संभावना बढ़ जाती है।
- Bandwidth Requirement: Full-Duplex Communication के लिए Half-duplex की तुलना में अधिक Bandwidth की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसमें Data को दोनों Direction में एक साथ Transfer की आवश्यकता होती है।
- Interference: समान Frequency Band का उपयोग करने वाले अन्य Device से Interference Full-Duplex System में Communication की Quality को प्रभावित कर सकता है।
- Cost: Complex और Higher Bandwidth Requirement के कारण Full-Duplex System, Half-Duplex System की तुलना में अधिक महंगे होते हैं।