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Networking Devices and its types

Network Device

Network Devices को Networking Hardware के नाम भी जाना जाता है| यह Physical Device हैं, जो Computer Network पर Hardware को एक दूसरे के साथ Communication और Interaction करने की Permission देते हैं। Example के लिए Repeater, Hub, Bridge, Switch, Routers, Gateway, Brouter आदि।

Types of Network Devices

Switch

Switch एक Networking Device है, जो Device को एक Network के साथ Connect करता है| और उनके बीच Communication का Medium Provide करता है। Switch OSI (Open Systems Interconnection) Model के Data Link Layer पर Work करता है। Connected Device के Media Access Control (MAC) Address के Base पर Data Packet को सही Destination पर Forward करके Switch Work करता है।

communication

यह Connected Device और उनके Related MAC Address की एक Table बनाने और Maintain रखने के लिए MAC Address Learning, Process का use करता है। Switch Full-Duplex Communication को Support करते हैं, जिससे Device एक साथ Data Transmit और Recieve कर सकते हैं।

Switches VLANs (Virtual LANs) को भी Support करते हैं, जो एक ही Switch में Multiple अलग-अलग Network Segment बनाने की Functionality Provide करता है। Switch को उनकी Capabilities के आधार पर Different Type में Classify किया जा सकता है| जिसमें Managed Switch और Unmanaged Switch Include हैं।

Types of Switch

Switch दो type के होते है |

  • Unmanaged Switches

Unmanaged Switch एक Basic Networking Device है, जो OSI (Open Systems Interconnection) Model के Data Link Layer पर Work करता है। यह एक ही Network में Multiple Device को Connect कर सकता है| जिससे वे एक दूसरे के साथ Communication कर सकते हैं।

Unmanaged Switch Plug-and-Play Device हैं, जिन्हें Configuration की आवश्यकता नहीं होती है| और Quality of Service (QoS) या Virtual LAN (VLAN) configuration जैसी Advanced Management Feature Provide नहीं करते हैं। Unmanaged Switches Connected Device  के Media Access Control (MAC) Address के Base पर Data Packet Forward करते हैं।

  • Managed Switches

Managed Switch एक Networking Device है, जो Advance Management Feature और Capabilities Provide करता है| जैसे कि Quality of Service (QoS), Virtual LAN (VLAN) configuration और Security। Unmanaged Switch के विपरीत, Managed Switch को Configuration की आवश्यकता होती है| और इसे User Interface, जैसे Web Interface या Command-Line Interface के माध्यम से Access और Control किया जा सकता है।

Managed Switch OSI (Open Systems Interconnection) model के Data Link Layer पर काम करता है| Managed Switch के द्वारा एक ही Network में Multiple Device को Connect किया जा सकता है| जिससे वे एक दूसरे के साथ Communication कर सकते हैं। यह Connected Device के Media Access Control (MAC) Address के आधार पर Data Packet को Forward करता है| और Full-Duplex Communication का Support करता है।

Router

Router एक Networking Device है, जो Multiple Network को Connect करता है और उनके बीच Traffic को Handle करता है। यह OSI (Open Systems Interconnection) Model के Network layer पर काम करता है| और Network के बीच Data Packet के लिए सबसे Efficient Path Define करने के लिए Routing Protocols का use करता है।

communication

एक Router में कई Interface होते हैं| प्रत्येक Interface एक अलग Network से Connected होता है। यह Data Packet को सही Destination पर Forward करने के लिए Connected Device के IP Address का use करता है। Router, Network Address Translation (NAT) का भी Support करते हैं, जो एक ही Network में Multiple Device को एक ही Public IP Address Share करने की Permission देता है।

Router Internet के Work के लिए आवश्यक हैं| जोकि Home Network और बड़े Enterprise Network दोनों में use किए जाते हैं। Routers, Better Network Performance, Security और Reliability Provide करते हैं| और अलग-अलग Network और Device को एक बड़े Network में Connect करने में Support करते हैं।

Advantage of Router

  • Interconnectivity: Routers, Multiple Network के बीच Interconnection की Permisssion देते हैं|
  • Improved network performance: Router Network के बीच Travel करने के लिए Data Packet के लिए सबसे Efficient Path Define करने के लिए Routing Algorithm का use करते हैं| जोकि Network की Crowd को कम करके और Network Bandwidth को Utilize करके Network के Performance में सुधार करते हैं।
  • Network security: Routers Firewalls, Network Address Translation (NAT) और VPN Support जैसी Security Feature को लागू करके Network के लिए Defense की First Line Provide करते हैं।
  • Scalability: Router, Complex Network Topologies, Creation को Support करते हैं, और आवश्यकतानुसार नए Device और Network को Connect करने की Permission देते हैं, जिससे Requirement के According, Network को Scale करना आसान हो जाता है।
  • Reliability: Router एक Reliable और Stable Network Infrastructure Provide करते हैं, जो महत्वपूर्ण Application और Service का Support करते हैं।

Disadvantages of Router

  • Limited Processing Power: अन्य Network Device की तुलना में Router में Limited Processing Power होती है, जो High-Traffic Environment में एक Bottleneck हो सकती है।
  • Limited Bandwidth : अन्य Network Device की तुलना में Router में  Limited Bandwidth होता है, जो Network के Overall Performance को Limited कर सकता है।
  • Configuration Complexity: Router को Configure करना एक Complex और Time Consuming Process हो सकती है।
  • Aging Hardware: Time के साथ, Router पुराने हो सकते हैं और अपनी Effectiveness Loss कर सकते हैं, जिससे Upgrade या Replacement की आवश्यकता होती है।
  • Interference: Router अन्य Device से Electromagnetic Interference से प्रभावित हो सकते हैं, जिससे Signal खराब हो सकता है और Performance में कमी आ सकती है।

Hub

Hub एक Networking Device है, जो Network में Device के लिए एक Central Connection Point के रूप में Work करता है। इसका उपयोग Local Area Network (LAN) में Computer, Printer और अन्य Network Device को एक साथ Connect करने के लिए किया जाता है। Hub, OSI Model की Physical Layer पर Work करता है| और यह Incoming Data को सभी Conneted Device में Distribute करने के लिए Responsible होता है।

Hub, Broadcasting केPrinciple पर Work करता है| जिसका अर्थ है, कि जब एक Device Hub को Data Send करता है, तो Hub Data का Replicate बनाता है| और इसे अन्य सभी Conneted Device को Send करता है। यह एक Switch से अलग है, जो OSI Model के Data Link Layer पर Work करता है, और केवल Wanted Users को Data Send करता है।

Advantage of Hub

  • Cost-Effective: Hub अन्य Networking Device की तुलना में Relatively Inexpensive होते हैं|
  • Easy to Install: Hub, Install करना आसान होता है|
  • Expandable: Additional Port जोड़कर Hub को आसानी से Expanded किया जा सकता है, जिससे आवश्यकतानुसार Network में और Device Connect करना Possible हो जाता है।
  • Compatibility: Hub, Device और Protocol की एक Wide Ranage के साथ Compatible हैं, जिससे वे कई अलग-अलग प्रकार के Network के लिए एक Flexible और Adaptable Option बन जाते हैं।
  • Legacy Support: कुछ Legacy Network में Hub का अभी भी use किया जाता है, और उनका निरंतर use कई Operating System और Software द्वारा Supported है।

Disadvantages of Hub

  • Limited Bandwidth: Hub के पास Limited Bandwidth होती है, जिसके परिणामस्वरूप Network Crowded हो सकता है|
  • No Security: Hub कोई Security Feature Provide नहीं करते हैं, जिससे Network Unauthorized Access और अन्य Security Threat के प्रति Vulnerable हो जाता है।
  • No Traffic Management: Hub में Network Traffic को Manage करने की Ability नहीं होती है, जिससे Network Collision हो सकता है, और Perfomanance Slow हो सकता है।
  • No Quality of Service (QoS): Hub के पास Network Traffic को उसके महत्व के आधार पर प्राथमिकता देने की Ability नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण Application के Performance में कमी आ सकती है।
  • No Switching Capabilities: Hub में Device के बीच Switch करने की Capabilities नहीं होती है, जिसके परिणामस्वरूप Network Performanance Slow हो सकता है।

Bridge

Bridge एक Networking Device है, जो दो अलग-अलग Network को उनके बीच Communicaiton की Permission देने के लिए Connect करता है। यह OSI Model के Data Link Layer पर Work करता है, और Network के बीच Login Connection Provide करता है। Bridge दो Network के बीच Data Packet को Forword, Filter करने के लिए Responsible होता है।

Network को छोटे तथा अधिक Manageable Segment में Divide करने के लिए Local Area Networks में एक Bridge का use किया जाता है। यह Network के Congestion को कम करने और Segment के बीच Transmit होने वाले Data के Amount को Limited करके Network के Performanance में Improvement करने में मदद कर सकता है। Bridge का use दो अलग-अलग प्रकार के Network को Connect करने के लिए भी किया जा सकता है, जैसे Ethernet network और Token Ring Network।

Advantages of Bridge

  • Reduced Network Congestion: Network को छोटे Segments में Devide करके, Bridge Network की Congestion को कम करने और Overall Network Performance में सुधार करने में Help कर सकते हैं।
  • Basic Security Features: Bridge, Filtering और Forword जैसी Basic Security Feature Provide करते हैं, जो Netowrk को Unauthorized Access और अन्य Security Threats से Protect करने में Help करते हैं।
  • Connect Different Network Types: दो अलग-अलग प्रकार के Network को Connect करने के लिए Bridge का use किया जाता है, जैसे Ethernet और Token Ring Network।
  • Increased Scalability: Additional Segments, Connect करके Network को Expand करने के लिए Bridge का use किया जाता है, जिससे Network को आवश्यकतानुसार Scale करना आसान हो जाता है।
  • Cost-Effective: अन्य Networking Device की तुलना में Bridge, Inexpensive होते हैं|

Disadvantage of Bridge

  • Manual Configuration: Bridge को Manual Configuration की आवश्यकता होती है, जो उन्हें Switch और Router जैसे अन्य Networking Device की तुलना में कम Flexible और Adaptable बना सकता है।
  • Lack of Advanced Features: Bridge, Advance Feature Provide नहीं करते हैं, जैसे Routing और Traffic Management, Maximum Advance Networking Device में पाए जाते हैं।
  • Limited scalability: Bridge केवल Limited Amount में Network Connect कर सकते हैं, जिससे आवश्यकतानुसार Network को Expand करना मुश्किल हो जाता है।
  • Limited Security: Bridge, Basic Security Features Provide करते हैं, जैसे कि Filter और Forword करना| तथा Bridges, Firewalls और Router जैसे Advance Device के समान Security Provide नहीं करते हैं।
  • Not Suitable for WANs: Bridge आमतौर पर Local Area Network  में use करने के लिए Design किए जाते हैं, और अपनी Limited Feature और Performanamce Limitation के कारण Wide Area Network में use के लिए Suitable नहीं होते हैं।

Gateway

Gateway एक Network Node है, जो दो Network को Different Protocol का use करके Connect करता है। एक Bridge का use दो समान प्रकार के Network को Join करने के लिए किया जाता है|जबकि दो Different type के Network को Join करने के लिए एक Gateway का use किया जाता है।

Network Gateway दो Network को Connect करता है, ताकि एक Network के Device दूसरे Network के पर Devices के साथ Communicate कर सकें। Gateway के बिना Internet का use करने, Communicate करने और एक जगह से दूसरी जगह पर Data Send करना Possible नहीं होता है| Gateway पूरी तरह से Software, Hardware, या दोनों के Combination में Allow करता है।

Advantages of Gateway

  • Network Interconnectivity: एक Gateway विभिन्न Network को एक दूसरे के साथ Communication करने और Data का Exchange करने में Capable बनाता है, जिससे एक ही Network में कई System को Connect और Integrate करना Possible हो जाता है।
  • Security: Gateway Network में Unauthorized Access को रोकने और Cyber Threat से Prevent करने के लिए Firewalls और अन्य Security Measure, जैसे Intrusion को Detect और Prevent करके Network को Security Provide करता है।
  • Network Address Translation (NAT): Network Address Translation करने के लिए एक Gateway का उपयोग किया जा सकता है, जो एक Local Network पर कई Device को एक ही Public IP Address Share करने की Permission देता है। यह IP Address को Store करने में मदद करता है| और यह सुनिश्चित करता है, कि Network पर सभी Device Internet को Access कर सकें।
  • Quality of Service (QoS): Network की Requirement के आधार पर विभिन्न प्रकार के Network Traffic को Priority देने के लिए Gateway को Configure किया जा सकता है। Example – Real-Time Application:  video conferencing और File Transfers जैसे Non Real-Time Application पर Highly Priority दी जाती है।
  • Remote Access: किसी Private Network को Remote Access Provide करने के लिए Gateway को Configure किया जा सकता है| जिससे Remote Employees, Partners और Customers को किसी भी Place से Network तक सुरक्षित रूप से Access में Capable बनाया जा सकता है।

Disadvantage of Gateway

  • Data को कभी भी Filter न करें|
  • Costly और Manage करना मुश्किल है|
  • Protocol Conversion किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप Slow Transmission Rate होती है।
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