What is Memory
Computer Memory Human Brain की तरह ही है। इसका Use Data, Information और Instruciton को Store करने के लिए किया जाता है| यह एक Data Storage Unit या Data Storage Device है| जहां Data को Process किया जाता है| और Processing के लिए जरूरी Instruciton Store किए जाते हैं। इसमें Input और Output दोनों को Store किया जा सकता है|
Type of Memory
Memory दो type की होती है-
- Primary Memory
- Secondary Memory
Primary Memory
इस प्रकार की Memory में बहुत अधिक मात्रा में Data store नहीं किया जा सकता है। इसलिए, इसका Use केवल हाल के Data को Store करने के लिए किया जाता है। इसमें Store किया गया Data temporary होता है। Power Off होने के बाद Stored Data Erase हो जाता है। इसलिए इसे Temporary Memory या Main Memory भी कहते हैं।
Random Access Memory (RAM) यह Primary Memory का उदाहरण है। यह Memory सीधे CPU द्वारा Access की जाती है। इसका उपयोग Data को Read और Write करने के लिए किया जाता है। Data को Process करने के लिए, इसे पहले RAM और फिर CPU में Transfer करना पड़ता है।
Type of Primary Memory
Primary Memory दो type की होती है |
- RAM (Randome Access Memory)
- ROM (Read Only Memory)
Random Access Memory (RAM)
RAM का पूरा नाम Random Access Memory है| यह एक Volatile Type की Memory है| जिसमें Power Off होने पर Memory में Store, Data का Loss हो जाता है। Processor इसमें Instruction/Data Read और Write करता है। Data और Instruction को External Hard Disk से RAM में Load किया जाता है, और Modify Data को Hard Disk में वापस Store किया जाता है।
RAM से Data सीधे Random Access Mode में Memory Address का use करके Read किया जाता है| भले ही इसकी Length 16/32/64 Bits हो। इसलिए Data को External Hard Disk की तुलना में Fast Speed से RAM से Access किया जा सकता है| और CPU को RAM से Data Read करने में सामान्य रूप से 10 Nano Second लगते हैं| यह Memory RAM की तुलना में महंगी होती है, और इसलिए अधिकांश Computer में इसका Size 1 GB तक सीमित है।
Types of RAM
Random Access Memory (RAM) दो type की होती है |
- DRAM (Dynamic Random Access Memory)
- SRAM (Synchronous Dynamic Random Access Memory)
DRAM (Dynamic Random Access Memory)
DRAM का पूरा नाम Dynamic Random Access Memory है| जिसका Use RAM में Data को Dynamicly store के लिए किया जाता है। DRAM में, प्रत्येक Cell में 1-Bit Information Store होती है। यह Cell दो Parts से बना है – एक Capacitor और एक Transistor| Transistor और Capacitor का Size इतना छोटा होता है, कि उनमें से लाखों को एक ही Chip पर Store करने की आवश्यकता होती है। इसलिए एक DRAM Chip सामान्य Size की SRAM Chip की तुलना में अधिक Data Store कर सकती है। इसमें Power Off हो जाने के बाद Data Erase हो जाता है |
Characteristics of DRAM
- Data को बनाए रखने के लिए इसे लगातार Refresh करने की आवश्यकता होती है।
- यह SRAM से Slow होता |
- यह बड़ी मात्रा में Data Store करके रखता है|
- यह Transistor और Capacitor का Combination होता है|
- यह SRAM की तुलना में कम खर्चीला है|
SRAM (Synchronous dynamic Random Access Memory )
इसे Synchronous Dynamic Random Access Memory कहा जाता है | जो Data Bits को अपनी Memory में तब तक बनाए रखती है, जब तक Power Supply ON रहती है। DRAM में Data को बनाए रखने के लिए लगातार Refresh करने की आवश्यकता होती है, जबकि SRAM में यह आवश्यकता नहीं होती है| जिसके परिणामस्वरूप बेहतर Performance और कम बिजली (Power) का Use होता है। हालाँकि SRAM, DRAM से अधिक महंगा भी है, और इसके लिए बहुत अधिक Space की आवश्यकता होती है।
Characteristics of SRAM
- इसे Refresh करने की जरूरत नहीं है।
- यह DRAM से Fast Work करता है।
- यह Expensive होते है।
- बिजली की खपत ज्यादा है।
- इसका Use Cache Memory के रूप में किया जा सकता है।
Read Only Memory (ROM)
यह एक Non-volatile Type की Memory है| जो Power Off होने पर भी Data को बनाए रखती है। इन Memory Location से Data को केवल Read किया जा सकता है| और इसे Delete या फिर से Write नहीं किया जा सकता है। ROM के बजाय BIOS, Firmware को Store करने के लिए Flash Memory का use किया जाता है |
Types of ROM
Read Only Memory (RAM) Three type की होती है |
- PROM (Programmable Read Only Memory)
- EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)
- EEPROM (Electric Erasable Programmable Read Only Memory)
PROM (Programmable Read Only Memory)
- इसे Programmable Read Only Memory कहते है |
- यह एक प्रकार की Digital Read Only Memory है, जिसमें User केवल एक ही बार Data या Program लिख सकता है।
- यह एक खाली PROM Chip को Refers करता है| जिस पर User केवल एक बार PROM Programmer या PROM Burner Device के साथ Content या Program लिख सकता है| उसके बाद Data या Instruction को Modify या Delete नहीं जा सकता है।|
EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)
- इसका पूरा Erasable Programmable Read Only Memory है |
- EPROM memory को कई बार Program किया जा सकता है |
- EPROM Memory में पहले Stored Information को Change या Erase करने के लिए Ultraviolet Light का use किया जाता है |
EEPROM ( Electrical Erasable Programmable Read Only Memory)
- इसका पूरा नाम Electrical Erasable Programmable Read Only Memory है |
- यह एक Non-volatile Memory है| Power Off होने पर भी इसका Content Erase या Loss नहीं होता है |
- EEPROM में Record किए गए Data को मिटाया जा सकता है, और 10,000 बार तक Reprogram किया जा सकता है|
Secondary Memory
Primary Memory, Temporary Data को Store करती है। इस प्रकार इसे भविष्य में Access नहीं किया जा सकता है। जबकि Permanent Storage Purpose के लिए, Secondary Memory का use किया जाता है। इसे Permanent Memory या Auxiliary Memory भी कहा जाता है। Hard Disk, Secondary Memory का एक Example है। Secondary Memory में Stored Data Power Off के बाद भी Erase या Loss नहीं होता है| Example – Hard Disk Device, Tape Disk Drive, Optical Storage Driver (CD-ROM and DVD) and Floppy Disk Drive|