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Input and Output Devices

Input Devices

Input Device की Help से User द्वारा Computer में  Data, Information तथा Instruction, Input किये जाते है| ये Device Human Language में दिये गये Data और Instruction को Computer के समझने योग्य बनाते है| ये Word, Number और अन्य Symbol को Computer की Language 0 एवं 1 Binary-bit में Convert करते है|

Type of Input Devices

Keyboard

यह सर्वाधिक use होने वाला एवं Important Input Device है | यह एक Typewriter का Modify रूप है| इसमें Key की संख्या Typewriter से अधिक होती है| General Keyboard में Key की संख्या 101 से 108 तक होती है| Keyboard पर सभी Characters, Number तथा अन्य Symbol होते है, जिनके द्वारा Data Input किया जाता है| Keyboard एक Cable से System Unit से जुड़ा रहता है| वर्तमान में Wireless Keyboards का प्रयोग भी अत्यधिक मात्रा में किया जाता है|

Types of Keys

  • Numeric Keys: इसका Use Numeric Data Enter करने या Cursor को Transfer करने के लिए किया जाता है। इसमें 17 Key का एक Set होता है।
  • Typing Keys: Letter Keys (A-Z) और Number Keys (0-9) इन Keys में से हैं।
  • Control Keys: ये Key Pointer और Screen को Control करती हैं। इस पर Four Directional Arrow Keys होती है ।Home, End, Insert, Alternate(Alt), Delete, Control(Ctrl), और Escape(Esc) आदि सभी Control keys हैं।
  • Special Keys: Enter, Shift, Caps Lock, Num Lock, Tab, और Print Screen आदि, Keyboard पर Special Function Keys में से हैं।
  • Function Keys: Keyboard की सबसे Upper Row पर F1 से F12 तक की 12 Key होती है ।

Mouse

Mouse में तीन Button होते है| Mouse के Button को Finger से Click किया जाता है| सबसे Common Pointing Device Mouse है| Click करने और खींचने के दौरान Mouse का use Screen पर Move करने के लिए किया जाता है। यदि आप Mouse को छोड़ देते हैं, तो Cursor रुक जाएगा। Mouse Movment करने के लिए आप पर निर्भर करता है।

Mouse का use इस प्रकार करते है |

  • Single Click : Left button के एक Click से Screen पर Object को Select करने के लिए किये जाते है |
  • Double Click : Left Button से लगातार दो बार Click करने से Object Open हो जाता है |
  • Right Click : Right Button को एक बार click करने Content Menu Open होता है, जिसमे कई Option होते है |

Joystick

Joystick भी Mouse की भांति Computer Screeen पर Cursor को Control करता है| Joystick में एक Stick लगी होती है, जिसे हाथ में पकड़कर Cursor को Control किया जाता है| Joystick को Control करने के लिए इसमें कुछ Button भी लगे होते हैं, जिन्हें Trigger कहते हैं| Joystick का use Cmputer पर Game खेलने के लिए किया जाता है|

Light Pen

Light Pen एक प्रकार का Pointing Device है, जो Pen की तरह दिखता है| इसका Use Menu item को Select करने या Monitor Screen पर Image बनाने के लिए किया जा सकता है।

Optical Character Reader ( OCR)

OCR (Optical Character Recognition) Physical Document को Digital Image के अंदर Printed या Hand written Text को अलग करने के लिए use की जाने वाली Technology है| OCR की Basic Process में Document के Text  को Check करना और Characters को Code में Translate करता है| जिसका use Data Processing के लिए किया जा सकता है। OCR को कभी-कभी Text Recognition भी कहा जाता है।

OCR System, Hardware और Software के Combination से बने होते हैं| जिनका उपयोग Physical Document को Machine-Readable Text में बदलने के लिए किया जाता है।

Output Device

Output Device, Row Data के Processing के Result को Display करता है| जो Computer में एक Input Device के माध्यम से Enter किया जाता है। ऐसे कई Output Device हैं, जो Text, Image, Hard Copy और Audio या Video जैसे विभिन्न type से Output Display करते हैं।

Computer से Receive Result दो type के होते है |

  • Soft Copy – यदि Result को Screen पर देखा जाये तो Soft Copy कहलाती है |
  • Hard Copy – जब Receive Result को Printer या Paper पर Print किया जाता है, तो Hard Copy कहलाती है |

Monitor

Monitor एक Electronic Output Device है, जिसे Video Display Terminal (VDT) या Video Display Unit (VDU) के रूप में भी जाना जाता है| इसका Use Computer के Video Card के माध्यम से Connected Computer द्वारा Generate Image, Text, Video और Graphics Information को Display करने के लिए किया जाता है| यह एक TV की तरह होती है| लेकिन इसका Resolution TV की तुलना में High होता है। पहला Computer Monitor, 1 मार्च 1973 को Lanch किया गया था| जो Xerox Alto Computer System का हिस्सा था|

Types of Monitor

Cathode Ray Tube Monitor (CRT)

CRT का पूरा नाम Cathode Ray Tube है| यह एक Display Screen है, जो Videos का Singal के रूप में Image Create करती है। यह एक प्रकार की Vacuum tube होती है, जो Electron Gun के माध्यम से Electron Beam द्वारा Phosphorescent Surface पर प्रहार करने पर Image को Display करती है।

Cathod Ray Tube का अविष्कार 1897 में Ferdinand Braun द्वारा किया गया था| जिसका नाम “Braun’s Tube”, रखा गया| यह पहली CRT थी| जिसमे Code-Cathode Diode का use किया गया था| जिसमे Phosphorous की Coating की हुई Screen लगी थी |

Flat Panel Display Monitor (FPD)

Flat-Panel Devices ऐसे Device होते हैं, जिनमें Cathode Ray Tube (CRT) की तुलना में कम Volume, Weight और Electricity की खपत होती है| Flat-Panel Display के फायदों के कारण CRT का Use कम हुआ। चूंकि Flat-Panel Devices weight में हल्के होते हैं, इसलिए उन्हें दीवारों पर लटकाया जा सकता है| और Watch के रूप में हमारी कलाई पर पहना जा सकता है। Flat-Panel Display users को Data, Graphics, Text और Image को देखने की अनुमति देता है।

Advantages of Flat Panel Devices

  • LCD एक Flat Panel Device है, जो High quality वाली Digital Image बनाते हैं।
  • Flat Panel Monitor stylish होते हैं, और इनका Design काफी जगह बचाने वाला होता है।
  • Flat Panel Device अपनी Full Color Display Capability का use करते हैं।

Printer

Printer एक Hardware Output Device है, जिसका Use किसी Document की Hard Copy Print करने के लिए किया जाता है। एक Document किसी भी प्रकार का हो सकता है| जैसे Text, File, Image या दोनों का Combination। यह Document को Print करने के लिए Computer या अन्य Device पर user द्वारा Input Command को Accept करता है।

Types of Printer

Impact Printers

इस प्रकार के Printer में एक छोटा Hummer या Print head Ink के Ribbon पर Strike करता है| Ribbon के नीचे वह Paper रखा जाता है, जिस पर Document को Print करना है|

Types of Impact Printer

Dot Matrix Printer (DMP)

Dot Matrix Printer को एक Pin Printer के रूप में भी जाना जाता है, जिसे 1957 में IBM द्वारा जारी किया गया था। 1970 में Centronics ने पहला Dot-matrix Impact Printer बनाया था। यह Print Heads का use करके एक Ink Ribbon पर Impact करता है, जो Image और Text को बनाने के लिए हजारों छोटे-छोटे Dot Points को Print करता है| Laser और Inkjet Printer की तुलना में इसका कम use होता है, क्योंकि इसकी Printing की Speed Slow होती है, और Low Quality वाली Image Print होती हैं।

Daisy Wheel Printer

यह 1969 में David S. Lee द्वारा Develop एक Impact Printer था| इस प्रकार के Printer में एक Metal या Plastic की Disk होती है, जो Letters, Numbers, एवं Special Characters को Store करती है, जिन्हें Printer Head का Use करके Print किया जा सकता है।

Chain Printer

इस Printer में Metal से बने Speed से घुमने वाली एक Chain होती है| जिसे Print Chain कहते है| Chain में Character होते है | Chain के हर Link में Character के Fonts होते है| इसके Print करने की Speed 300 से 3000 Line/Per Minuate है |

Non-Impact Printer

Non Impact Printer में Print Head और Paper के मध्य Contact नहीं रहता है| इसलिए इन्हे Contactless Printer भी कहते है| ये Printer Contact को Avoid के लिए इसमें Advance Technology (Ink spray, Laser) का use किया जाता है|

Types of Non-Impact Printer

Inkjet Printer

एक Inkjet Printer अपेक्षाकृत कम मात्रा में High quality वाले Document Print करता है| यह Cartridge से Ink की सूक्ष्म बूंदों को सीधे Page पर छिड़क (Spray) कर Print करता है| Cartridge पूरे कागज पर आगे और पीछे चलता है| यह Document का एक समय में एक-एक करके Row को Print करता है| Inkjet Printer की Speed Normaly 1 से 20 Page/Per Minuate तक होती है| इस प्रकार के Printer में Print की Quality जितनी बेहतर होगी, Printing Speed उतनी ही Slow होगी|

Laser Printer

Laser Printers को Xerox द्वारा 1960 Develope किया गया था| Laser Printer Documents को Print करने के लिए Light-Emitting Diode और Photosensitive Drums का उपयोग करते है| इस प्रकार के Printer एक समय में एक पूरे Page को print करते हैं। ये Inkjet Printer से सस्ते होते है| लेकिन इनको चलाने के High Voltage Power Supply की जरूरत होती है| क्योंकि Low Voltage की वजह से Print Quality खराब हो जाती है| इस प्रकार के Printers की Speed बहुत Fast होती है। Laser Printer की Speed 4 से 50 Page/Per Minuate से अधिक होती है| Laser Printer के Commercial Model की Speed 1000 Page/Per Minuate से अधिक होती है|

Speakers

Speaker एक Output Device है, जो Computer से Received Digital Information को Sound में change करते है| Speaker का Primary Objective Listener (Users) को Audio Output Provide करना होता है| Analog Speakers का Main Function Analog Electromagnetic Waves को Sound Waves में Magnify करना होता है| Speaker का use Multimedia Application में होता है|

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