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Features of Windows Desktop, Components of Windows

Windows

Windows, Microsoft द्वारा Developed एक Popular, Graphical Operating System है। यह Graphical User Interface (GUI) के माध्यम से Computer से Intract के लिए Multiple Services प्रदान करता है। यह User को File का View and Collection, Software Run, Game Play, Video Watching और Internet से Connect होने का एक Way Provide करता है।

Microsoft ने पहला Version 1.0 के रूप में पेश किया| इसे 10 नवंबर 1983 को Window के Home Computing और Professional दोनों Works के लिए Release किया गया था। इसे Window के कई Version (Windows 7,8) के साथ-साथ Current Version, Window 10, Release किया हो चुका है, जो की वर्तमान में Maximum Computers में Use होता है।

Windows Operating System का उपयोग मुख्य रूप से Personal Computer और Laptop में किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग Server, Smartphone और अन्य Devices पर भी किया जाता है। एक Typical Windows System में Users, Start Menu या Start Screen के माध्यम से Application, Files और Settings तक पहुंच सकते हैं, और वे Desktop, Taskbar, और File Explorer का उपयोग अपनी Files और Programs के साथ Communication  करने के लिए भी कर सकते हैं।

Windows में Task Manager, Control Panel और Built-in Search Function जैसी Funcationality भी शामिल हैं, जिससे Users के लिए अपने System को Manage करना और Required Information Search करना आसान हो जाता है। Windows विभिन्न प्रकार के Hardware व Software जैसे – Printers, Cameras, और अन्य Devices के साथ Compatible है| और यह Multiple Languages को भी Support करता है, जिससे यह दुनिया भर के Users के लिए एक Popular Option बन जाता है।

Features of Windows Desktop

Control Panel

Window एक Control Panel, Service Provide करता है| जिसमें Computer पर Resource को Configure और Manage करने के लिए कई Tools Include होते हैं। Example – Users Audio, Video, Printers, Mouse, Keyboard, Network Connections, Date and Time, Power Saving Options, User Accounts, Installed Application आदि के Settings को Change कर सकते हैं।

Cortana

Windows 10 ने Cortana नाम का एक Feature Launch किया है, जो Voice Command को Accept करने में Capable है। यह विभिन्न कार्य कर सकता है| Example – User के Question का Answers दे सकता है, Computer पर Data Search कर सकता है, Online Purchase, Reminder Set कर सकता है| Window 10 में Cotana को Open करने के लिए (Window key + S) Press करें।

File Explorer

इसे Windows Explorer के नाम से भी जाना जाता है, जो Computer पर Files और Folders को Display करता है। यह Users को Hard Drive, SSD और अन्य Inserted Removable Disk जैसे Pen Drives और CD पर Data Browse करने को Allow करता है, और User Data को Delete, Name Change, Search और Transfer करने जैसी Requirement के अनुसार Content का Management कर सकते हैं।

Internet Browser

Internet Browser, Information को Search, Online Shopping, Play Games, Watch videos आदि के लिए Use किया जाता है। Windows Operating System, Pre-installed Internet Browser के साथ आता है। Window 10 में Edge Internet Browser, Default Browser है। इसके अलावा, Microsoft Windows में Windows Version 95 से 8.1 Version तक Internet Explorer, Default Browser था।

Start Menu

Microsoft Windows में Taskbar के Left Side एक Start Menu होता है। यह Computer पर Display Program और Utilities को Display करता है। इसे केवल Start Menu Button पर Click करके या Keyboard पर Start Key को Press करके Open किया जा सकता है।

Components of Windows

  • Configuration and Maintenance
  • User Interface
  • Applications and Utilities
  • Windows Server Components
  • File Systems
  • Core Components
  • Services
  • DirectX
  • Networking
  • Scripting and Command-Line
  • Kernel
  • NET Framework
  • Security
  • Deprecated Components and Applications
  • APIs

The function of each Component of the Window

Frame

Frame, Window के चारों Sides का Border होता है, जो Windows के Size और Shape को Define करता है।

Title Bar

Title Bar, Window का Name Display करता है| और इसमें Minimize, Maximize और Close Button जैसे Control होते हैं।

Minimize Button

Minimize Button, Window को Taskbar में Minimize कर देता है, जिससे User इसे बाद में फिर से Access कर सकता है।

Maximize Button

Maximize Button Screen को भरने के लिए Window को Maximize करता है, जिससे User ज्यादा Space के साथ Content पर काम कर सकता है।

Close Button

Close Button, Application को Terminate कर देता है, या Current Window को Close कर देता है।

Menu Bar

Menu Bar उन Option और Command की एक List Display करता है, जिन्हें User Application को Control करने या Specific Task को करने के लिए Access कर सकता है।

Scroll Bar

Scroll Bar, User को उस Content के माध्यम से Navigate करने की Permission देते हैं, जो Window से ऊपर या नीचे Sroll करके या एक तरफ से बड़ी होती है।

Toolbar 

Toolbar बार-बार use किए जाने वाले Tool या Command तक Quickly Access Provide करता है, जैसे File को Save या Print करना।

Status Bar

Status Bar, Application की Current State, जैसे Current Cursor Position, या Process की Status के बारे में Information Display करता है।

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Directories and Files, Wild cards, Autoexec.bat, Config.says

Directories

Computer में Directory एक Container है, जो Files और अन्य Directories को Store करती है। Directories को File System में Folder के रूप में माना जा सकता है| जिनका उपयोग Computer पर File और अन्य Resources को Organize और Categorize करने के लिए किया जाता है।

प्रत्येक Directory का एक Unique Name और Path होता है, जो File System में अपना Location Specify करता है। Directories को अन्य Directories के साथ Nested करके एक Hierarchical Structure Create किया जा सकता है| जिसका उपयोग File और Resources को Meaningful तरीके से Organize करने के लिए किया जा सकता है।

File System में, Top-Level Directory को Root Directory के रूप में जाना जाता है। Directories में File और अन्य Directories दोनों हो सकती हैं, और उन्हें File Management Command का उपयोग करके या Graphical User Interface का use करके Manipulate किया जा सकता है। प्रत्येक Directory में Associated Metadata भी हो सकता है|

Ex-  Timestamps और Access Permission जो निर्धारित करती हैं, कि कौन Directory में Stored File को Read, Write या Execute कर सकता है। Directories का उपयोग Computer System में Security और Access Control Apply करने के साथ-साथ Storage और Resources के Management के लिए किया जाता है।

File

Computer में एक File, Data या Information का Collection है| जो Computer की Hard Drive, USB Drive या अन्य Storage Device पर Electronic रूप से Store होती है। File का एक Name और एक Type (जैसे .txt, .doc, .jpg) होता है| जो यह Deifne करता है, कि किस Software Program द्वारा उनका use और Open किया  जा सकता है।

File में Text, Image, Video, Auoio या किसी अन्य प्रकार की Digital Information हो सकती है। उन्हें Users द्वारा Create, Edit, Save और Remove किया जा सकता है। Operating System  Computer पर File और Directories को Manage करता है, उन तक Access Provide करता है| और Control करता है, कि वे कैसे Store और use किए जाते हैं।

Wild Cards

Wildcard, Computer Science में एक Special Character है| जिसका उपयोग String में एक या अधिक Unknown Character का Represent करने के लिए किया जाता है। यह Search Operation, Fime Name Matching और Pattern Matching के लिए Programming में use किया जाता है।

Ex- Wildcard Character “*” का use किसी भी Character से Matching करने के लिए किया जाता है, जबकि Wildcard Character “?” एक Character से Matching करने के लिए use किया जाता है। Wildcard का उपयोग Search को आसान बनाने और उन्हें अधिक Flexible बनाने के लिए किया जाता है| जिससे User किसी Special Pattern से Match करने वाली File या String को ढूंढ सकते हैं| जबकि Pattern के कुछ Parts Unknown ही क्यों न हों।

Autoexec.bat

Autoexec.bat File, MS-DOS और Microsoft Windows Operating System के शुरुआती Version में एक Batch File है। File में Command की एक Series होती है, जो Computer के Start होने पर Automatically Execute होती है। इन Command का उपयोग Environment Variable Set करने, System Setting को Configure करने, Program या Script को Run करने और अन्य Task को करने के लिए किया जाता है। Operating System को Customize करने और Task को Automatic करने के लिए autoexec.bat File का use आमतौर पर Personal Computer के शुरुआती दिनों में किया जाता था।

Config.says

CONFIG.SYS एक Text File है, जिसमें Disk Operating System (DOS) Command होते हैं| जो Operating System (OS) को बताते हैं, कि Computer को Start होते समय कैसे Set किया गया है। CONFIG.SYS Command, Memory Device Driver और Program को Refer करते हैं, जो Hardware Device को Control करते हैं| तथा System Feature को Enable या Disable करते हैं| और System Resource पर Limit Define करते हैं।

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Concept of GUI and CUI standards

What is GUI

GUI का पूरा नाम Graphical User Interface है| एक GUI Users को Operating System या Application के साथ Interact करने में Capable बनाता है| यह Users की सुविधा के लिए Button, Window, Scrollbars, Icon Images, Wizards और अन्य Icon Provide करता है। यह New Users के लिए एक User-Friendly Interface है| इसको use करना, सीखना आसान है, और यह Cognitive Load को भी कम करता है|

Example: Windows, MacOS, Linux

Components of GUI

Window

Window GUI के मुख्य Building Block हैं। इनका उपयोग Screen पर Information को Organize और Display करने के लिए किया जाता है।

Menu

Menu का use विभिन्न Option और Command तक Access Provide करने के लिए किया जाता है। ये एक Window के Top पर स्थित होते हैं| और Menu Bar पर Click करके या किसी Object पर Right Click करके Open किये जा सकते हैं।

Toolbar

Toolbar का Use, Frequently Use किए जाने वाले Command और Option तक Quickly Access Provide करने के लिए किया जाता है| ये एक Window के Top पर स्थित होते हैं| और Users द्वारा Customize किए जा सकते हैं।

Icons

Icon छोटे Graphical Image होते हैं, जो विभिन्न Object, जैसे File, Folder और Application का Represent करते हैं| उनका उपयोग User के लिए विभिन्न Object को Search करने और उनके साथ Communicate करना आसान बनाने के लिए किया जाता है।

Button

Button का उपयोग विभिन्न Action या command को Initiate (Start) करने के लिए किया जाता है| उन्हें Toolbar, Menu और Dialog Box में पाया जा सकता है।

Dialog Box

Dialog Box का उपयोग Information Display करने और User से Input Collect करने के लिए किया जाता है। उनका उपयोग Setting Change करने, File को Open, Save और अन्य Task को करने के लिए किया जा सकता है।

Advantage of GUI

  • GUI एक प्रकार का User Interface है, जिसको Use करना बहुत आसान है।
  • User Option को Easily Clasify और Navigate कर सकते हैं|
  • जब आप GUI का use करके Multiple Works को Manage करना भी आसान हो जाता है|
  • Shortcut key का use Graphical User Interface की सबसे Important Characteristics में से एक है|

What is the CUI

CUI का मतलब Character User Interface है। यह एक User Interface है, जहां User Computer के साथ पूरी तरह से Keyboard के माध्यम से Interact करता है| और किसी भी Work को करने के लिए Command की आवश्यकता होती है| CUI, GUI का Precursor है, और इसका Use अधिकांश शुरुआती Computer में किया गया था। वर्तमान में Maximum Computer CUI के बजाय GUI का Use करते हैं। यह User को Multiple Command Lines में Program को Command Provide करने की Capability Provide करता है। यह Programming Script के Construction को Easy बनाता है।

Example: MS-DOS and Windows Command Prompt.

Components of CUI

Command prompt

Command Prompt एक Symbol या Text को Indicate करता है, जिसका Use Computer, User से Input Accept करने के लिए किया जाता है। यह Text की एक String के रूप में Display होता है, जैसे कि Window पर “C:>” या Linux और macOS पर “$”।

Commands

Command, Text Based Instruction होते हैं, जो User विभिन्न कार्यों को करने के लिए Command Prompt में Type करता है। इन Command का उपयोग File System को Navigate करने, Program Lanch करने और अन्य Task को करने के लिए किया जा सकता है।

Arguments

Arguments, Information के Additional Piece होते हैं| जिन्हें, यह Execute करने के लिए Command को पास किया जा सकता है| जोकि Define करता है, कि Command को कैसे Execute किया जाना चाहिए| Example के लिए, एक Directory में File को Enlist करने के लिए Command, Directory Path को एक Arguments के रूप में ले सकता है।

Output

Command का Output वह Information है, जो Computer, दिए गए Command के Response में Display करता है। इसमें Text , Number या अन्य Data Include हो सकते हैं।

Disadvantage of CUI

  • CUI Interface कम Attractive है।
  • CUI एक Screen पर Multiple Programs के साथ काम करने की Capacity Provide नहीं करता है।
  • CUI में कोई Feedback नहीं होता है।
  • CUI को Operate और Mange करने के लिए एक Users को Multiple Commands को याद रखना चाहिए।
  • CUI में एक समय में केवल एक ही Task किया जा सकता है।
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What is Editor, Loader, Linker

Editor

Editor एक Program या Tool है| जिसका Use Text, Code या Other Digital Content को Create अथवा Modify करने के लिए किया जाता है| यह Plain Text File को Edit करने वाला एक Normal Editor हो सकता है, या Code, Multimedia या Other Digital Content को Edit करने वाला Complex Editor भी हो सकता है| Editor word का Use आमतौर पर Text Editor को Refer करने के लिए किया जाता है| जोकि एक Software Program है,  जो Users को Plain Text Files को Create या Manipulate करने की Permission देता है।

Text Editor के कुछ Common Features में Text को Cut, Copy और Paste करने की Capabilty के साथ-साथ Text को Search और Change करने की Capabilty Include होती है। कुछ Text Editor Specific Programming Language के लिए Design किए गए हैं, जोकि Syntax Highlight और Code Completion जैसी Additional Feature Provide करते हैं| Film और Video Production में, Editors, Film, Television Program या अन्य Visual Media के Final Version को Merge करने के लिए Responsible होता है| तथा Audio Editor का Use Audio Files को Modify करने के लिए किया जाता है|

Example:

  • Image Editor – Adobe Photoshop, Microsoft Picture Manager
  • Sound Editor – Audacity, Reaper
  • Text Editor – Notepad, Sublime, Atom

Loader

Loader एक Program या Operating System का एक Part है| जो अन्य Program या File को Memory में Load करने के लिए Responsible होता है| किसी Program या File को Memory में Load करने की Process को “Booting” या “Start Up” भी कहा जाता है| Loader First Program होता है, जो Computer On होने पर Run होता है। Loader का Main Work, Operating System के Kernel को Memory में Load करना है, और फिर Kernel की Initialization Process को Start करना है|

इस Process में Hardware और Software Configuration को Check करना, Device Driver को Load करना और System Service को शुरू करना भी Included है। एक बार जब Operating System पूरी तरह से Initialize हो जाता है, तो Loader, Operating System को Control Transfer कर देता है| जो आवश्यकतानुसार अन्य Program Load और Run करता है|

Loader एक ऐसा Program है, जो Shared Library या  Module को Runtime पर Programs को Memory Space में Load करता है| तथा  Web Development में Loader एक Library या UI Component की तरह काम करता है| जिसका Use Webiste या Web Application पर Loading Animation Display करने के लिए किया जाता है। यह Loader उस समय Display होता है, जब कोई Web Page, Content Load कर रहा होता है|

Linker

एक Linker एक Program है, जो Compiler द्वारा Generate एक या एक से अधिक Object File को Executable File या Share Library में Combine करता है| Object File के Combination के Process को “Linking ” कहा जाता है। Linker Object FIles में Use किए गए Symbols को Memory Address पर Map करके और Contents की Table (Relocation Table) बनाकर Work करता है, जो Program को Load करने और Predictable way से Execute करने की अनुमति देता है।

Linking Process के दौरान Linker कई Tast Perform करता है-

1. Resolves External Symbols:

Linker किसी भी Symbole (Function या Variable Name) को Solve करता है| जो एक Object File में Define होते हैं| लेकिन दूसरे File में use किए जाते हैं।

2. Allocates Memory for Data and Code

Linker, Object File में Data और Code को Memory Address Assign करता है, ताकि Program को Properly Execute किया जा सके।

3. Performs Relocation

Linker, Object File में Code और Data को Modify करता है, ताकि उन्हें एक Special Memory Address पर Load किया जा सके।

4. Performs Error Checking

Linker किसी भी Error को Check करता है| जैसे कि Undefined Symbol या Mutual Conflicting Memory Addresses और उन्हें user को Report करता है।

5. Creates the Final Executable File

एक बार Link Process, Complete हो जाने के बाद Linker, Final Executable File या Share Library Create करता है।

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System Utilities

System Utilities

Utilities Software एक ऐसा Computer Programming System है, जो Computer को Configure, Analyze, Optimize और Maintain करने का Work करते है| इस तरह के Software Program आपके Computer को Additional Functionality Provide करते है| जिससे कि Computer बेहतर Perform कर सके| Example- Antivirus, Disk Repair, Backup, File Management, Networking Program आदि Utilities Software है| इस Type के Program को Computer System और System Software के लिए Develop किये जाते है, जिससे कि Computer पूरी Capacity के साथ Fast Work कर सके|

Type of Utilities Software

Antivirus

Virus को एक Malicious Program के रूप में Define किया जा सकता है| जो खुद को एक Host Program से जोड़ता है और System को Slow, Corrupt या Destroy करते हुए खुद की कई Copy बनाता है| एक Software जो Operating System, Users को Virus Free, Environment Provide करने में Help करता है, Antivirus कहलाता है| एक Antivirus किसी भी Virus के लिए System को Scan करता है| और यदि Virus System में होता है, तो उसे Remove करता है। यह कई तरह के Virus जैसे Boot virus, Trojan, Worm, Spyware आदि को Detect व Remove कर सकता है|

File Management System

इन Utility Software का Use Computer System के Files को Manage करने के लिए किया जाता है। यह File System का एक Important Part होता हैं| क्योंकि सभी Data Files में Store होते हैं, इसलिए यह Utility Software, System की Files को Browse करने, Arrange करने, Information Search करने में Help करता है।

Windows Explorer, System में Include एक Default File Management Tool है| Google Desktop, Double Commander, Directory Opus आदि भी File Management Tools हैं।

Compression Tools

Storage Space Computer का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है| इसलिए  Files को Compress करने और उनके Size को कम करने के लिए कुछ Useful Software का use करते हैं| जिन्हे Compression Tools कहते हैं| Files का Format Compress करते Time Change हो जाता है, और हम उन्हें Direct Access या Edit नहीं कर सकते हैं| Compressed Files को आसानी से Decompress कर सकते हैं, और Original File वापस प्राप्त कर सकते हैं|Example – WinZip, WinRAR, WinAce, PeaZip, 7-Zip आदि।

Disk Management Tools

ये Utilities Software, Disk पर Data Manage करने के लिए use किए जाते हैं। ये Software, Partion Device, Drive का Management भी करते हैं| Example – MiniTool Partition Wizard, Paragon Partition Manager आदि।

Disk Cleanup Tool

यह Utilities Software, Disk Space Clean करने में Support करता है। इसके अलावा ये उन Files को Disk से Remove करता है, जो अब Use में नहीं हैं| Example – Razer Cortex, Piriform CCleaner आदि।

Backup Utility

यह Utilities Software Files, Folders, Databases या Complete Disk का Backup लेने में Support करता है। इसके अलावा ये Backup Disk, Information को Duplicate करता है, जिससे कि Data Loss होने पर Data को Restore किया जा सके|

Advantages of Utility Software

  • Work Capacity Increase करता है।
  • Space को Manage करता है।
  • Files और Data Manage करता है।
  • Useless File को Delte करता है।
  • System को Secure और Safe रखता है |
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What is BIOS

What is BIOS

BIOS का पूरा नाम Basic Input/Output System है, इसे System BIOS भी कहा जाता है| यह एक Short Boot Firmware Program है, जिसका Use Computer को Start करने के लिए करता है। BIOS Computer के अंदर एक Chip पर स्थित होता है| और इसे इस तरह से Design किया जाता है, जो इसे Disk की Failuare से Protect करता है। जब PC को ON करते हैं, तो BIOS पहले Basic Haradware को Check करता है, जिसे Power-On Self Test (POST) कहा जाता है| यह Validate करता है, कि सभी Attachments Include हैं, और काम कर रहे हैं|

POST Operation Perform करने के बाद BIOS, Operating System को Computer की Random Access Memory (RAM) में Load करता है| BIOS Computer के Operating System और Hard Disk, Video Card, Keyboard, Mouse, and Printer जैसे Attached Device के बीच Data Flow को Manage करता है| BIOS System, Date, Time और System की Configuration Information को Battery-Powered, अथवा Non-Volatile, Memory Chip में Store करता है|

Function of BIOS

BIOS के Functions निम्नलिखित है-

  • CMOS में BIOS Setting, Check करना|
  • Computer के Start होते ही BIOS सबसे पहले CMOS से सभी Setting को Read करता है |
  • Device Drivers Load करना|
  • उसके बाद BIOS Device Load करता है जो Operating System और Connected Device के बीच एक Base या Interface कर सके |
  • Computer Registers को Initialize करना|
  • BIOS, CPU के सभी Registers को Initilize करता है|
  • BIOS सभी Hardware Devices Ex- Keyboard, Mouse आदि के Connection को Check करता है|

Type of BIOS

BIOS दो प्रकार के होते है-

  1. Legacy BIOS
  2. UEFI BIOS

Legacy

Legacy Boot, Computer को Boot करने की एक Methodology है, जो की Traditional BIOS (Basic Input/Output System) Firmware का use करता है। अर्थात Computer, Operating System को Hard Drive या अन्य Bootable Device से Start/Load करने के लिए BIOS का use करता है| यह System को Boot करने के लिए BIOS Firmware द्वारा use की जाने वाली Boot Process को Refer करता है|

Legacy Boot में Installed Device का Selection होता है, जो Boot Process के दौरान Computer द्वारा POST Test करने पर Initialized हो जाता है| Legacy Boot, Master Boot Record को Verify करने के लिए Disk से Connected सभी Device को Check करता है| Legacy Boot को आमतौर पर UEFI Boot की तुलना में Slow और Less Secure माना जाता है| लेकिन यह पुराने Computer, Operating System या Bootable Device के साथ Compatibility के लिए आवश्यक हो सकता है।

UEFI

UEFI का पूरा नाम Unified Extensible Firmware Interface है| यह एक BIOS के समान काम करता है, लेकिन यह Firmware पर Store करने के बजाय एक .efi File में Initialization और Startup के बारे में सभी Data Store करता है| यह .efi File, Hard Disk पर EFI System (ESP) Partition एक Special Partition पर Store होती है| इस ESP Partition में Bootloader भी Include होता है|

Limitations of Legacy BIOS overcome by UEFI BIOS

  • UEFI 9 Zetabytes तक Drive Size को Support करता है, जबकि BIOS केवल 2.2 Terabyte को Support करता है।
  • UEFI Fast Boot Time, Provide करता है।
  • UEFI में Discrete Driver Support करता है, जबकि Legacy में BIOS Driver Support करता है, जोकि ROM में Store होता है| इसलिए BIOS Firmware को Update करना थोड़ा मुश्किल है|
  • UEFI “Secure Boot” Provide करता है, जो Computer को Unauthorized/Unsigned Application से Boot करने से रोकता है|

Advantages of UEFI over Legacy BIOS

  • Breaking Out Of Size Limitations
  • Speed and Performance
  • More User-Friendly Interface
  • Security
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Operating System as a Resource Manager

Operating System Resource Management

एक Operating System (OS) Basic रूप से Software का एक Collection है, जो Computer Hardware Resource को Manage करता है| और Computer Program के लिए Common Service Provide करता है| Operating System Computer System में System Software का एक महत्वपूर्ण Component है|

Operating System as a Resource Manager

  • एक Computer में Multiple Resource (Hardware और Software) होते हैं| जिनकी आवश्यकता किसी Task को Complate करने के लिए हो सकती है।
  • Operating System इन Resource के लिए Manager के रूप में Work करता है| और Special Program को Users को उनके Task के लिए आवश्यक रूप से Allocate करता है।
  • जब Multiple Computer एक Network से जुड़े होते हैं, तो एक से अधिक Computer, एक Comman Resource को Access करने के लिए Try करते हैं| तो Operating System Predefined Order को Follow करता है|और Resource को Efficient Way से Manage करता है।
  • Resource दो तरह से “Time में” और “Space में” Share करते हैं। जब एक Resource एक Time-Sharing Resource होता है, तो प्रत्येक Work को एक Predefined Time के लिए Resource मिलता है।
  • CPU अपने आप में एक प्रकार का Resource है, और OS Deside करता है| कि किसी Special User Program के Execution के लिए कितना Processor Time दिया जाना चाहिए।
  • जब Multiple User एक साथ काम कर रहे हों, तो OS, Memory और I/O Device को भी Manage करता है।

Type of Resource Manager

Resource Management में Multiplexing Resource दो तरह से Include है|

  1. Time Multiplexed
  2. Space Multiplexed

When Included Resource is Time Multiplexed

  • “कौन आगे जाता है और कितने Time के लिए” – Operating system में Time Resource Manager के लिए Main कार्य है |
  • Different Program या user द्वारा Alternate Manner में इसका Use किया जाता है |
  • Operating System के माध्यम से CPU Allocate करके Multiple Program Operate किये जाते है |
  • किसी Program को CPU को use करने के लिए Operating System, Select करता है|

When Included Resource is Space Multiplexed

  • Main Memory को Multiple Runing Program में Devide किया जाता है |
  • Operating System एक के बाद एक Program को Complate करने के बजाय कई Program एक साथ Memory में रखता है|
  • Hard Disk, Multiplex Space के लिए एक अन्य Resource Manager है|
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DOS Operating System, Types of DOS Commands

DOS Operating System

DOS एक Single-Tasking, Command-Line Based Operating System है, जिसे Bootable Disk से Computer की Memory में Load किया जाता है। इसे Computer के Hardware और User के बीच एक Simple Interface Provide करने के लिए Design किया गया था। Window और Linux जैसे Modern Operating System के विपरीत DOS में Graphical User Interface (GUI) नहीं है| और केवल Type किए गए Command पर Work करता है।

Features of DOS

DOS को Limited Resource वाले Personal Computer के लिए एक Simple और Efficient Operating System के रूप में Design किया गया था। कुछ प्रमुख Feature Included हैं-

  • Command-line Interface: DOS एक Command-line interface (CLI) पर Based है, जहाँ User Prompt में Command Type करके System के साथ Interact करते हैं। यह Interface Computer के साथ Interact करने के लिए एक Simple और Efficient Way की Permission देता है।
  • File Management: DOS एक Simple File Management System, Provide करता है| जहाँ File और Directories Create, Copy, Move और Delete जा सकती हैं। DOS द्वारा use की जाने वाली File System को File Allocation Table (FAT) कहा जाता है| और वर्तमान में कुछ Modern Operating System में इसका use किया जाता है।
  • Memory Management: DOS एक Simple Memory Management System, Provide करता है| जो Application को Direct Memory को Access करने की Permission देता है। हालाँकि इसकी Single-Tasking Nature के कारण DOS में Memorh Management Capabilities Limited हैं।
  • Compatibility: DOS को Hardware और Software की एक Wide Range के साथ Compatible करने के लिए Design किया गया था। जिसने इसे 1980 और 1990 के दशक में Personal Computer के लिए एक Popular Operating System बना दिया।

Limitations of DOS

इसकी Popularity के बावजूद DOS की कई Limitation हैं, जिनमें Include हैं-

  • Single-tasking: DOS Single-Tasking Operating System है| जिसका अर्थ है, कि यह एक Time में केवल एक ही Application चला सकता है। इस Limitation ने Multitask को मुश्किल बना दिया और Productivity को Slow कर दिया।
  • Lack of security: DOS में Built-in Security Feature नहीं हैं, जिससे यह Virus और अन्य Malware के प्रति Vulnerable हो जाता है।
  • Limited Memory: DOS में Limited Memory Management Capabilities हैं, जिसका अर्थ है कि Application केवल Limited Amount में Memory, Access कर सकते हैं।
  • Lack of GUI: DOS में Graphical User Interface नहीं है, जो इसे Modern Operating System की तुलना में कम User-Friendly बनाता है।

Type of Dos Command

Internal Commands

Internal Command Built-in Command हैं, जो DOS Operating System के साथ Included होते हैं। इन Command को Execute करने के लिए किसी External Program या File की आवश्यकता नहीं होती है। सबसे अधिक use किए जाने वाले कुछ Internal Command निम्नलिखित हैं-

  • DIR: इस Command का use, Current Directory में File और Subdirectories की List Display करने के लिए किया जाता है।
  • CD: इस Command का use Current Directory को Change करने के लिए किया जाता है।
  • MD: इस Command का use एक New Directory, Create करने के लिए किया जाता है।
  • RD: इस Command का use किसी Directory को Remove करने के लिए किया जाता है।
  • TYPE: इस Command का use Text File के Content को Screen पर Display करने के लिए किया जाता है।
  • COPY: इस Command का use एक स्थान से दूसरे स्थान प,र एक या एक से अधिक File को Copy करने के लिए किया जाता है।
  • DEL: इस Command का प्रयोग एक या एक से अधिक File को Delete करने के लिए किया जाता है।
  • REN: इस Command का use File का नाम Change करने के लिए किया जाता है।

External Commands

External Command अलग-अलग Program या File हैं, जो DOS Operating System में Include नहीं हैं। इन Command को Install किया जाना चाहिए| या एक Directory में रखा जाना चाहिए| जो use किए जाने के लिए PATH Environment Variable में Include है। सबसे अधिक use किए जाने वाले कुछ External Command हैं|

  • FORMAT: इस Command का use Diskette या Hard Disk को Format करने के लिए किया जाता है।
  • CHKDSK: इस Command का use Diskette या Hard Disk का Integrity को Check करने के लिए किया जाता है।
  • XCOPY: इस Command का use Subdirectories सहित File और Directories को Copy करने के लिए किया जाता है।
  • ATTRIB: इस Command का use किसी File या Directory के Attributes को Display करने या Change करने के लिए किया जाता है।
  • SYS: इस Command का use System File को Diskette या Hard Disk  में Transfer करने के लिए किया जाता है।

Batch Commands

Batch Command का use Batch File बनाने के लिए किया जाता है, जो Text File होती हैं| जिनमें DOS Command की एक Series होती है। Batch File को DOS Command Interpreter द्वारा Execute किया जाता है, और इसका use Task को Automate करने या Sequence में Command की एक Series Run करने के लिए किया जा सकता है। सबसे अधिक use किए जाने वाले कुछ Batch Command निम्नलिखित हैं-

  • ECHO: इस Command का use Message को Screen पर Display करने के लिए किया जाता है।
  • PAUSE: इस Command का use Batch File के Execution को तब तक रोकने के लिए किया जाता है, जब तक User एक Key Presss नहीं करता है।
  • GOTO: इस Command का use Batch File में एक Specific Line पर जाने के लिए किया जाता है।
  • IF: इस Command का use किसी Condition को Test करने के लिए किया जाता है, और यदि Condition True है| तो Command Execute करता है।
  • SET: इस Command का use Environment Variable के Value को Set करने के लिए किया जाता है।
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Introduction and Need of Operating System

Operating System

Operating System, System Software की Category में आता है। यह Basic रूप से Computer के सभी Resource को Manage करता है| एक Operating System Software और Computer या Computer Hardware के विभिन्न भागों के बीच एक Interface के रूप में कार्य करता है। Operating System को इस तरह से Design किया गया है, कि यह Computer के सभी Resource और Operation का Manage कर सके।

यह Special Pragram का एक ntegrated Set है, जो Computer के सभी कार्यों को Handle करता है। यह Computer के अन्य सभी Program के Execution को Control और Monitor करता है, जिसमें Application Program और Computer के अन्य System Software भी शामिल हैं।

Need of Operating System

Operating System एक ऐसा Program है| जो System Hardware और users के बीच Interface के रूप में Work करता है| यह Important Software है, जो Computer पर Run होता है| और Instruction के Set को Control करता है| Operating system  ये सभी Work करता है |

  • Input/Output Operation
  • File System Manipulation
  • Error Detection
  • Communication
  • Program Execution
  • Resource Allocation Management
  • Disk Space/Memory/Process Accounting
  • Protection

Type of Operating System

Batch Operating System

Second Generation के Computer में use होने वाला पहला Operating System, Batch Operating System था| इस Type के Operating System में, End-user और Computer के बीच कोई Direct Interaction नहीं होता है| किसी भी Input Data को Computer में Process करने के लिए User को Job Form तैयार करना होता था|

इसके बाद User उस Job को Punch Card की Help से Input कर देता था| Job को Computer में Process करने के लिए एक Operator होता है, जो सभी समान Job को Single Batch में कर देने से Operator के लिए Setup Time काफी Consume हो जाता है|

Advantages of Batch OS

  • किसी भी Task को Complete करने में लगने वाले समय का अनुमान लगाना बहुत कठिन है।
  • Multiple Users, Batch System को Share कर सकते हैं|
  • Batch System के लिए Execution Time बहुत कम होता है|
  • Batch System में बार-बार बड़े काम को Manage करना आसान होता है|

Disadvantage of Batch OS

  • Batch System को Debug करना बहुत मुश्किल है|
  • यह Expensive होता है|
  • यदि कोई Job Fail हो जाता है, तो समय का अनुमान लगाना कठिन होता है|

Multi Programming Operating System

Computer की Main Memory में एक से अधिक Process या Program को Execute करने के लिए रखा गया हो तो, उसे Multi Programming कहा जाता है| यदि Multi Programming Operating System में एक Program को Input/Output Transfer के लिए Wait करना पड़ता है, तो अन्य Program CPU का use करने के लिए तैयार होते हैं। परिणामस्वरूप, विभिन्न कार्य के लिए CPU, Time Share कर सकते हैं| हालांकि उनकी Jobs का Execution एक ही Time Period में Define नहीं किया गया है।

जब कोई Program Execute हो रहा होता है, तो इसे “Task”, “Process” और “Job” के रूप में जाना जाता है| Multi Programming का Primary Target पूरे System के Resource को Manage करना है। Multi Programming  System के प्रमुख Component File System, Command Processor, Transient Area और I/O Control System हैं।

Advantages of Multi Programming OS

  • यह कम Time में Response करता है।
  • यह Computer के Total job Throughput को Optmize करने में मदद करता है।
  • इसमें  विभिन्न users एक साथ Multi Programming System का Use कर सकते हैं।
  • इसमें Long Time Jobs की तुलना में Short Time Jobs जल्दी Execute की जाती है।
  • यह Short Time Task के लिए Turnaround Time को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

Disadvantage of Multi Programming OS

  • यह बहुत Complicated और Sophisticated है।
  • इसमें CPU Scheduling की आवश्यकता होती है।
  • Operating System में Memory Management की आवश्यकता होती है, क्योंकि सभी प्रकार के Programs, Main Memory में Store होते हैं।
  • यदि इसमें बड़ी संख्या में Jobs हैं, तो Long-Term Jobs के लिए ज्यादा Wait करना होगा।

Multitasking Operating System

एक समय में एक से अधिक Application चलाने वाले Operating System को Multitasking Operating System (MOS) के रूप में जाना जाता है। Multitasking Operating System, Desktop या Mobile Operating System (OS) हो सकता है। Operating System में चलने वाले विभिन्न Application हैं|

Ex- MS Word, MS Excel, Email Application, Browser, Media Player आदि Multitasking Operating System पर चलने वाले Applications है।

Advantage of Multitasking OS

  • Timesharing
  • Handle Multiple Users
  • Protected Memory
  • Best use of Computer Resources

Disadvantage of Multitasking OS

  • यह Logical Parallelism Provide करता है।
  • यह Low Response Time Provide करता है।
  • यह CPU Utilization Provide करता है।

Distributed System

जब Multiple Computer किसी Network के Medium से आपस मे Interconnected होकर एक दूसरे से Task Sharing करते है, तो उसे Distributed System कहा जाता है। ये Operating System कई Real Time Application और Multiple user की Services के लिए कई Central Processing का use करते है। ये Processor, Different Type की Communication Lines Ex- High-Speed Buses या Telephone Lines का use करके आपस मे Communication करते है। इन Computer के बीच CPU और Memory को छोड़कर बाकी सभी Resource Share किये जाते है। इसीलिये इसे Loosely Coupled System भी कहा जाता है।

Advantages of Distributed System

  • Data Sharing
  • Failure Handling
  • Efficiency

Disadvantages of Distributed System

  • Distributed OS, Less Secure होता है|
  • Single-User System के विपरीत Distributed OS से Connected Database Relatively Complex और Manage करने में कठिन है।
  • यदि Main Network Fail हो जाता है, तो यह Commmucation को Stop कर देता है|
  • Distributed OS बहुत Expensive होते हैं।

Network Operating System

इन Operating System में एक Server होता है, जिससे कई दूसरे Client Computer Connected रहते है। Network Operating System इस Central Server को अन्य सभी Client Computer के Data, Security, Application और अन्य Networking Function को Manage करने की Capacity Provide करता है| ये Operating System के द्वारा अन्य छोटे Private Network को अपने Network से Add करके अन्य Computer तक File, Printer, Security, Application और अन्य Networking Work की Sharing को Allow करते है।

Advantages of Network OS

  • Central Server के कारण Stable होते है ।
  • High Security, Provide करते है ।
  • Network में नई Technolgy और Hardware के Upgradation को आसानी से Apply किया जा सकता है।

Disadvantage of Network OS

  • ये Expensive Server होता है |
  • यह Central Location पर Depend करता है |
  • Regular Updatation और Maintenance की आवश्यकता होती है|

Real Time Operating System

इन Operating System में CPU का Response Time बहुत Important है| इस Type के Operating System, Realtime में Work करते है| अर्थात Input को Process करने और Response देने में लगने वाला Required Time बहुत कम होता है| इस Time Interval को Response Time कहा जाता है| Real-Time Operating System का use तब किया जाता है, जब Time की Importance बहुत अधिक होती है|

Advantage of Real Time OS

  • Device और System का Resource Maximum use करके Fast Output देता है|
  • Shifting Work के लिए दिया गया Time बहुत कम होता है|
  • यह Currently Running Application पर Focus करता है, और Queued Application को कम Importance देता है|
  • Program का Size छोटा होता है|
  • यह Error Free होता है |
  • Memory Allocation अच्छी तरह से Manage करता है|

Disadvantage of Real Time OS

  • एक ही Time में केवल कुछ Task Run करता हैं|
  • System Resource Expensive होते हैं|
  • इसका Algorithms लिखने में Complex होता है|
  • इसके लिए Special Device Driver की Requirement होती है|

Time Sharing Operating System

Time Sharing Operating System जिसमे प्रत्येक Process को Execution के लिए एक Fixed Time दिया जाता है। माना एक System से अनेक User Connected है, तो प्रत्येक User CPU का Use करने के लिए आपस में Time Share करेंगे| यदि एक User के लिए CPU use करने का Time Two Second है, तो System Two Second बाद दूसरे User को Available हो जाएगा| इन Operating System को हम Multitasking Operating System भी कहते है।

Advantage of Time Sharing OS

  • यह Quick Response Provide करता है|
  • CPU का Response Time कम कर देता है|
  • सभी Task को Fixed Time दिया जाता है|
  • Software के Duplication की Possibility Low होती है|
  • Response Time को Improve करता है|

Disadvantage of Time Sharing OS

  • Hardware के High Specification की आवश्यकता होती है|
  • इसमें Reliability की Problem होती है|
  • Data Communication में Problem होती है|

Multiprocessing System

Computer System सिर्फ एक Processor या CPU का use करते है। परन्तु Multiprocessing Operating System में Multiple Processor का Use किया जाता है| इन System के पास Parallel में Work करने वाले कई Processor होते है| जो Compute Clock, Memory, Bus और Peripheral Device इत्यादि को आपस मे Share करते है। Multi Tasking Operating System में RAM Memory में Available एक से अधिक Task को इस तरह Process किया जाता है, जिससे कि Computer के Resources का Maximum Use किया जा सके|

Advantages of Multiprocessing System

  • Increased Reliability
  • Increased Throughout
  • The Economy of Scale

Disadvantages of Multiprocessing System

  • More Memory Required
  • Deadlock
  • Low Performance
  • Expensive
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Hardware and Software with its types

Hardware

Hardware, Computer के Physical component को Refer करता है, जिसे हम View और Touch कर सकते हैं। Computer System में Circuit Board, IC’s एवं अन्य Electronic Devices लगे होते हैं। यह एक Physical Component है, जिसका Computer या किसी अन्य Machine को बनाने के लिए विभिन्न तरीकों से Use किया जाता है।

Memory Devices, Processor, Central Processing Unit, Mouse और Keyboard सभी Computer System में Hardware के Example हैं। एक Computer System बिना किसी Hardware के Complete नहीं होगा और कोई भी Software चलाने में सक्षम नहीं होगा। क्योंकि Hardware Computer का Main Component होता है|

Type of Hardware

Key-Board

यह अधिक Use होने वाला एवं Important Input Device है |यह एक Typewriter का Modify रूप है|इसमें Key की संख्या Typewriter से अधिक होती है| इनकी संख्या 101 से 108 तक होती है|Keyboard पर सभी Characters, Number तथा अन्य Symbol होते है, जिनके द्वारा Data Input किया जाता है| Keyboard एक Cable से System Unit से जुड़ा रहता है| यदि 0.5 से अधिक समय तक Key Press किये रह जाते है, तो वही Key बार बार Input होता है |

Types of Keys in Keyboard

Numeric Keys: इसका Use Numeric Data Enter करने या Cursor को Move करने के लिए किया जाता है। इसमें 17 Key का एक Set होता है।

Typing Keys: Letter Keys (A-Z) और Number Keys (0-9) इन Keys में से हैं।

Control Keys: ये Key Pointer और Screen को Control करती हैं। इस पर Four Directional Arrow Keys होती है ।Home, End, Insert, Alternate(Alt), Delete, Control(Ctrl) आदि, और Escape सभी Control keys (Esc) हैं।

Special Keys: Enter, Shift, Caps Lock, NumLk, Tab, आदि, और Print Screen keyboard पर Special Function Key में से हैं।

Function Keys: Keyboard की सबसे ऊपरी Row पर F1 से F12 तक की 12 key होती है ।

Mouse

Mouse में तीन Button होते है, Mouse के Button को Finger से Click करने Computer को Input दिया जाता है| यह Computer Screen पर Cursor की Speed को Control करता है| और Users को Computer पर Folders, Text Files को Select एवं Transfer करना Allow करता है। जब User Mouse को Move करते हैं, तो Cursor Display Screen पर उसी Direction में Move करता है।

Mouse का use इस प्रकार करते है |

Single-Click – Left Button के एक Click से Screen पर Object को Select करने के लिए किया जाता है |

Double-Click – Left Button से लगातार दो बार Click करने से Object Open हो जाता है |

Right- Click – Right Button को एक बार Click करने Content Menu Open होता है, जिसमे कई Option होते है |

Joystick

Joystick भी Mouse की तरह Computer Screeen पर Cursor को Control करता है| Joystick में एक Stick लगी होती है, जिसे हाथ में पकड़कर Cursor को Control किया जाता है| Joystick को Control करने के लिए इसमें कुछ Button भी लगे होते हैं, जिन्हें Trigger कहते हैं| Joystick का Use Computer पर Game खेलने के लिए किया जाता है|

Light Pen

Light Pen एक प्रकार का Pointing Device है| जो Pen की तरह दिखता है। इसका Use Menu Item को Select करने या Monitor Screen पर Image बनाने के लिए किया जा सकता है।

Monitor

यह Output Hardware Device में सर्वाधिक use होने वाला Device है| User के Monitor द्वारा ही Computer से Interact करता है| जिससे Computer में Output को Display किया जाता है| ये Hardware Laptop में Small Size का और Desktop में थोड़ा Big होता है| इसे Visual Display Unit (VDU) भी कहते है |

Monitor दो प्रकार के होते है

  1. Cathode Ray Tube Monitor (CRT)
  2. Flat Panel Display Monitor (FPT)

Software

Software Instruction तथा Program का वह Group है, जो Computer को किसी Special Work को Complete करने का Instruction देता है| यह User को Computer पर Work करने की Capacity Provide करता है| Software के बिना Computer Hardware एक Box होता है| इससे कोई Work नहीं कर सकते है|

Software को हम Touch नहीं कर सकते है, और न ही View कर सकते है| Software जो आपको Smartphone Tablet, Game box, Media Player और इसी तरह के अन्य Device के साथ Communication करने को Allow करता है| MS Office, Photoshop, Adobe Reader सभी Different Type के Software है|

Type of Software

System Software

System Software वह Software है, जो Computer Hardware को Directly Operate करता है| और Users के साथ-साथ अन्य Software को Smoothly Operate करने के लिए Basic Functionality Provide करता है। अथवा System Software Basic रूप से Computer की Internal Function को Control करता है और Hardware Device जैसे Monitor, Printer और Storage Device आदि को भी Control करता है|

यह Hardware और User Application के बीच एक Interface की तरह Work करता है, यह उन्हें एक दूसरे के साथ Communication करने में मदद करता है| क्योंकि Hardware Machine Language (अर्थात् 1 या 0) को समझता है| जबकि User Application Human-Readable Language जैसे – English, Hindi, German आदि में काम करते हैं| इसलिए System Software Human-Readable Language को Machine language तथा Machine language को Human-Readable Language में परिवर्तित करता है|

Features of System Software

  • System Software Computer System के करीब होतें है।
  • System Software सामान्य रूप से Low Lavel Language में लिखा जाता है।
  • System Software को Design करना और समझना मुश्किल है।
  • System Software की Speed Fast होती है।

Application Software

Application Software ऐसे Program को कहा जाता है| जो किसी Special Work को करने के लिए बनाया जाता है|इसे Application या Apps के नाम से भी जानते है| इस तरह के Software को Personally Users का Help करने के लिए Develop किया जाता है| Application Software की Help से एक ही Special Task को Perform कर सकते है| User के Need के अनुसार Different तरह के Work करने के लिए Different तरह के Application Software होते है|

Example– Office का Salary तैयार करना, Report Print करना, Stock का Interpretation करना आदि| इस तरह के Software को बड़ी-बड़ी Company User की जरुरत को ध्यान में रखकर Develop करती है |

Features of Application Software

  • Information और Data का Management करना|
  • Document को Manage करना|
  • Accounting, Finance, and Payroll को Manage करना|

Utility Software

Utilities Software एक ऐसा Computer Programming System है, जो Computer को Configure, Analyze, Optimize और Maintain करने का Work करते है| इस तरह के Software Program आपके Computer को Additional Functionality Provide करते है| जिससे कि Computer बेहतर Perform कर सके|

Example- Antivirus, Disk Repair, Backup, File Management, Networking Program आदि Utilities Software है| इस Type के Program को Computer System और System Software के लिए Develop किये जाते है| जिससे कि Computer पूरी Capacity के साथ Fast Work कर सके|

Antivirus

Virus को एक Malicious Program के रूप में Define किया जा सकता है| जो खुद को एक Host Program से जोड़ता है, और System को Slow, Corrupt और Destroy करते हुए खुद की कई Copy बनाता है| एक Software जो OS तथा Users को Virus free Environment Provide करने में सहायता करता है, Antivirus कहलाता है।

एक Antivirus किसी भी Virus के लिए System को Scan करता है और यदि पता चल जाता है, तो उसे Computer से Remove करता है| यह कई तरह के Virus Ex- Boot Virus, Trojan, Worm, Spyware आदि का पता लगा सकता है।

Difference between Hardware and Software

Hardware

Software

यह Computer का Physical Part होता है| यह Instruction का एक Set है, जो Computer को बताता है कि Exactly क्या करना है।
Hardware Computer का Physical Component होता है| Software Computer का Physical component नहीं है|
Computer Virus Hardware को Effect नहीं कर सकते। Computer Virus Software को Effect कर सकते हैं।
Hardware को Upgrade करने के लिए उसे change करना पड़ता है Software को बिना change किये Upgrade किया जा सकता है